सोने की लंका जलाए गयो रे, एक छोटो सो वानर | हनुमान भजन | भक्ति संध्या (Sone Ki Lanka Jalai Gayo Re Ek Choto So Vanar | Hanuman Bhajan | Bhakti Sandhya )
सोने की लंका जलाए गयो रे,
एक छोटो सो वानर,
छोटो सो वानर,
एक छोटो सो वानर,
रावण को पानी पिलाए गयो रे,
एक छोटो सो वानर,
सोने की लंका जलाये गयो रे,
एक छोटो सो वानर ॥
बालापन में सूरज ने निगल्यौ,
फल समझ कर खा गयो रे,
एक छोटो सो वानर,
सोने की लंका जलाये गयो रे,
एक छोटो सो वानर ॥
शक्ति बाण लग्यो लक्ष्मण के,
लक्ष्मण के प्राण बचा गयो रे,
एक छोटो सो वानर,
सोने की लंका जलाये गयो रे,
एक छोटो सो वानर ॥
धोखे से रावण ने सीता को हरली,
माता को पतों लगाय गयो रे,
एक छोटो सो वानर,
सोने की लंका जलाये गयो रे,
एक छोटो सो वानर ॥
किसी ने पूछा तेरा राम है कहाँ पर,
सीना फाड़ दिखाय गयो रे,
एक छोटो सो वानर,
सोने की लंका जलाये गयो रे,
एक छोटो सो वानर ॥
चुन चुन करके दुष्टो को मारा,
दानव के छक्के छुड़ाए गयो रे,
एक छोटो सो वानर,
सोने की लंका जलाये गयो रे,
एक छोटो सो वानर ॥
दानव संहारे ‘हर्ष’ लंका को जीता,
सीता को राम से मिलाए गयो रे,
एक छोटो सो वानर,
सोने की लंका जलाये गयो रे,
एक छोटो सो वानर ॥
सोने की लंका जलाए गयो रे,
एक छोटो सो वानर,
छोटो सो वानर,
एक छोटो सो वानर,
रावण को पानी पिलाए गयो रे,
एक छोटो सो वानर,
सोने की लंका जलाये गयो रे,
एक छोटो सो वानर ॥
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