सच्चे मन से माँ की, ज्योत तुम जगाओ | माता के भजन | भक्ति संध्या (Sacche Man Se Maa Ki Jyot Tum Jagao Lyrics | Mata Ke Bhajan | Bhakti Sandhya)
सच्चे मन से माँ की,
ज्योत तुम जगाओ,
बिन मांगे सारे फल पाओ ॥
ये ही है दुर्गा ये ही माँ काली,
चाहे किसी भी रूप में मनाओ,
बिन मांगे सारे फल पाओ।
सच्चे मन से मां की,
ज्योत तुम जगाओ,
बिन मांगे सारे फल पाओ ॥
धन यश सुख सब देने वाली,
माँ से भंडार तुम भरवाओ,
बिन मांगे सारे फल पाओ।
सच्चे मन से मां की,
ज्योत तुम जगाओ,
बिन मांगे सारे फल पाओ ॥
तन मन करदो माँ को समर्पण,
शेर चरणों में शीश तुम नवाओ,
बिन मांगे सारे फल पाओ।
सच्चे मन से मां की,
ज्योत तुम जगाओ,
बिन मांगे सारे फल पाओ ॥
जगदाति की कर लो पूजा,
बस दाती के ही हो जाओ,
बिन मांगे सारे फल पाओ।
सच्चे मन से मां की,
ज्योत तुम जगाओ,
बिन मांगे सारे फल पाओ ॥
सच्चे मन से माँ की,
ज्योत तुम जगाओ,
बिन मांगे सारे फल पाओ ॥