राधा का चितचोर कन्हैया | कृष्ण भजन | भक्ति संध्या (Radha Ka Chitchor Kanhaiya lyrics | Krishna Bhajan | Bhakti Sandhya)
राधा का चितचोर कन्हैया,
दाऊजी का नटखट भैया,
कुञ्ज गलिन का रास रचैया,
भा गया हमें भा गया,
भा गया हमें भा गया ॥
मोर मुकुट मोतियन की माला,
ऐसा प्यारा रूप निराला,
कारी कारी अखियां कारी,
होंठों की लाली मतवाली,
पित वसन पीताम्बर धारी,
भा गया हमें भा गया,
भा गया हमें भा गया ॥
किस प्रेमी ने इसे सजाया,
केसर चन्दन इतर लगाया,
बांकी बांकी चितवन प्यारी,
कर में मुरली जादूगारी,
कानुड़ा गोवर्धन धारी,
भा गया हमें भा गया,
भा गया हमें भा गया ॥
नैनो से बातें ये करता,
कभी मचलता कभी मटकता,
जब देखूं हँसता ही जाए,
प्रीत के तीर चलाता जाए,
मेरा जी ललचाता जाए,
भा गया हमें भा गया,
भा गया हमें भा गया ॥
माखन मिश्री बेगा ल्याओ,
कानुड़ा का जी ललचाओ,
सारा चट मत ना कर जाना,
‘नंदू’ कुछ हमको दे जाना,
तेरा मेरा प्यार पुराना,
भा गया हमें भा गया,
भा गया हमें भा गया ॥
राधा का चितचोर कन्हैया,
दाऊजी का नटखट भैया,
कुञ्ज गलिन का रास रचैया,
भा गया हमें भा गया,
भा गया हमें भा गया ॥