मुझे तेरा सहारा सदा चाहिए | हनुमान भजन | भक्ति संध्या ( Mujhe Tera Sahara Sada Chahiye | Hanuman Bhajan | Bhakti Sandhya )
आसरा इस जहाँ का मिले न मिले,
मुझे तेरा सहारा सदा चाहिए ॥
चाँद तारे फलक पर दिखे ना दिखे,
मुझ को तेरा नज़ारा सदा चाहिए,
धन दौलत जहाँ की मिले ना मिले,
सतगुरु तेरे चरणों की रज चाहिए ॥
यहाँ खुशिया हैं कम, और ज्यादा है गम,
जहाँ देखो वहीँ है देखो भरम ही भरम,
मेरी महफ़िल में शम्मा जले ना जले,
मेरे दिल में उजाला तेरा चाहिए ॥
कभी वैराग है, कभी अनुराग है,
यहाँ बदले हैं माली वही बाग़ है,
मेरी चाहत की दुनिया बसे ना बसे,
मेरे दिल में बसेरा तेरा चाहिए ॥
मेरी धीमी है चाल, और पथ है विशाल,
हर कदम पर मुसीबत अब तू ही संभाल,
पैर मेरे थकें हैं, चले ना चले,
मेरे दिल में इशारा तेरा चाहिए ॥
कभी बैराग है, कभी अनुराग है,
जिन्दगी बिन धुंए की अजब आग है,
मान सम्मान जग में मिले ना मिले,
बस कृपा होनी बाबा तेरी चाहिए ॥
आसरा इस जहाँ का मिले न मिले,
मुझे तेरा सहारा सदा चाहिए ॥
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