म्हारे मनड़े री डोर, दादी खींचो थारी ओर | माता के भजन | भक्ति संध्या (Mhare Mande Ri Dor Dadi Khicho Thari Or Lyrics | Mata Ke Bhajan | Bhakti Sandhya)
म्हारे मनड़े री डोर,
दादी खींचो थारी ओर,
थासु विनती करा हां,
दादी दोनों हाथा जोड़,
म्हारे सिर पर हाथ फिराओ,
म्हणे हिवड़े से लगाओ,
म्हारी मावड़ी,
म्हारें मनडे री डोर,
दादी खींचो थारी ओर ॥
जद से देख्यो थारो द्वारो,
भूल गयो हूँ जग मैं सारो,
कई जन्मा से है लेखो जोखो,
दादी थारो म्हारो,
म्हारे सिर पर हाथ फिराओ,
म्हणे हिवड़े से लगाओ,
म्हारी मावड़ी,
म्हारें मनडे री डोर,
दादी खींचो थारी ओर ॥
म्हाने भूल बिसर मति जाजो,
म्हारी विनती सुनके आजो,
मैं भी टाबरिया हाँ थारा दादी,
म्हासु भी बतलाजो,
म्हारे सिर पर हाथ फिराओ,
म्हणे हिवड़े से लगाओ,
म्हारी मावड़ी,
म्हारें मनडे री डोर,
दादी खींचो थारी ओर ॥
थे हो सारे जग की ठाकर,
म्हे हां थारे चरण का चाकर,
सारी दुनिया भूल गया हां,
दादी थाने म्हे तो पाकर,
म्हारे सिर पर हाथ फिराओ,
म्हणे हिवड़े से लगाओ,
म्हारी मावड़ी,
म्हारें मनडे री डोर,
दादी खींचो थारी ओर ॥
थारो सेवकियो है ‘श्याम’,
लेवे हर पल तेरो नाम,
थारे चरणा माहि दादी म्हारा,
सारा तीरथ धाम,
म्हारे सिर पर हाथ फिराओ,
म्हणे हिवड़े से लगाओ,
म्हारी मावड़ी,
म्हारें मनडे री डोर,
दादी खींचो थारी ओर ॥
म्हारे मनड़े री डोर,
दादी खींचो थारी ओर,
थासु विनती करा हां,
दादी दोनों हाथा जोड़,
म्हारे सिर पर हाथ फिराओ,
म्हणे हिवड़े से लगाओ,
म्हारी मावड़ी,
म्हारे मनडे री डोर,
दादी खींचो थारी ओर ॥