हो हो बालाजी मेरा संकट काटो ने | हनुमान भजन | भक्ति संध्या ( Ho Ho Balaji Mera Sankat Kato Ne | Hanuman Bhajan | Bhakti Sandhya )
हो हो बालाजी मेरा संकट काटो ने,
हो इधर उधर न डोल रहया,
मेरे दिल ने डाटो न,
हो हो बालाजी मेरा संकट काटो न ॥
तेरे भवन प आगी बाबा,
दया करो न मेरे प,
तेरे चरणां में शीश नवाऊँ,
धज्जा चढ़ाऊँ तेरे प,
दुर दुर तं दुखिया आवं,
मेंहदीपुर डेरे प,
तेरे चरणां में आण पड़ी,
मेरा साटा साटो न ।
हो हो बालाजी मेरा संकट काटो ने,
हो इधर उधर न डोल रहया,
मेरे दिल ने डाटो न,
हो हो बालाजी मेरा संकट काटो न ॥
सासु जी भी न्युं बोली तुं,
बिल्कुल बांझ लुगाई स,
आपणे पीहर चाली जा,
आड़ः के तेरी असनाई स,
छोटा देवर न्युं बोला या,
छलिया घणी लुगाई स,
घर तं बेघर करण लाग रहे,
दुख ने काटो न ।
हो हो बालाजी मेरा संकट काटो ने,
हो इधर उधर न डोल रहया,
मेरे दिल ने डाटो न,
हो हो बालाजी मेरा संकट काटो न ॥
तेरे भवन प आगी बाबा,
गोद भरा क जाऊँगी,
मेरी कामना पुरी करदे,
फेर भवन प आऊँगी,
यो अहसान मेरे प करदे,
दुनिया में गुण गाऊँगी,
ताने सुण सुण रूप बिगड़ गया,
रंग ने छाटो न ।
हो हो बालाजी मेरा संकट काटो ने,
हो इधर उधर न डोल रहया,
मेरे दिल ने डाटो न,
हो हो बालाजी मेरा संकट काटो न ॥
कह मुरारी तेरे भवन का,
दुनिया के महां बैरा स,
दुख चिंता में शरीर पड़ा,
यो चारों ओर अँधेरा स,
और जुल्म मै सहन ना सकती,
इतणा कष्ट भतेरा स,
जै कोये खत होई मेरे तं,
बेसक नाटो न ।
हो हो बालाजी मेरा संकट काटो ने,
हो इधर उधर न डोल रहया,
मेरे दिल ने डाटो न,
हो हो बालाजी मेरा संकट काटो न ॥
हो हो बालाजी मेरा संकट काटो ने,
हो इधर उधर न डोल रहया,
मेरे दिल ने डाटो न,
हो हो बालाजी मेरा संकट काटो न ॥
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