डाल रही वरमाला अब तो जानकी | हनुमान भजन | भक्ति संध्या ( Daal Rahi Varmala Ab To Janaki | Hanuman Bhajan | Bhakti Sandhya )
डाल रही वरमाला अब तो जानकी,
धनुष तोड़ा शिव जी का,
श्री राम जी ने,
जनक नंदनी मन में हर्षा गई है,
विधाता मेरी पूर्ण की कामनाएं,
ख़ुशी की सुहानी घड़ी आ गई है ॥
डाल रही वरमाला अब तो जानकी,
जय बोलो जय बोलो सीताराम की,
फूलों की बारिश यहाँ पे हो रही,
कृपा हो गई आज श्री भगवान की,
डाल रहीं वरमाला अब तो जानकी,
जय बोलो जय बोलो सीताराम की ॥
अब जनक की पूर्ण अभिलाषा हुई सारी,
मिट गया संताप जबसे दिल में था भारी,
डाल वरमाला सिया ने राम पाए है,
आज सखियों ने भी मंगल गीत गाए है,
महीमा अपरंपार इनके नाम की,
जय बोलो जय बोलो सीताराम की,
डाल रहीं वरमाला अब तो जानकी,
जय बोलो जय बोलो सीताराम की ॥
वेद मंत्रो की ध्वनि अब गूँजने लगी,
इस खुशी में देवीयां सब झुमने लगी,
आज शुभ दिन हम सभी के जीवन में आया,
सियाराम के नाम से हर दिल है मुस्काया,
‘हेमा’ रामायण है स्वाभिमान की,
जय बोलो जय बोलो सीताराम की,
डाल रहीं वरमाला अब तो जानकी,
जय बोलो जय बोलो सीताराम की ॥
डाल रहीं वरमाला अब तो जानकी,
जय बोलो जय बोलो सीताराम की,
फूलों की बारिश यहाँ पे हो रही,
कृपा हो गई आज श्री भगवान की,
डाल रहीं वरमाला अब तो जानकी,
जय बोलो जय बोलो सीताराम की ॥
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