चली चली रे पालकी श्री राम की | राम भजन | भक्ति संध्या (Chali Chali Re Palki Shree Ram Ki Lyrics | Ram Bhajan | Bhakti Sandhya)
चली चली रे,
चली चली रे,
चली चली रे पालकी श्री राम की,
जय बोलो भक्तो वीर हनुमान की ॥
भक्तों के ये काज संवारे,
कर देते हैं वारे न्यारे,
श्री राम जी के साथ माता जानकी,
जय बोलो भक्तों वीर हनुमान की,
चली चली रे पालकी श्रीं राम की,
जय बोलो भैया वीर हनुमान की ॥
इनका हर साल मेला लगता,
बजरंगी का रूप है सजता,
वेद शास्त्रों में महिमा इनके नाम की,
जय बोलो भक्तों वीर हनुमान की,
चली चली रे पालकी श्रीं राम की,
जय बोलो भैया वीर हनुमान की ॥
इनको बस इक अर्जी लगती,
कृपा भक्तों पे करती शक्ति,
‘देवदत्त’ देवे बधाई गुणगान की,
जय बोलो भक्तों वीर हनुमान की,
चली चली रे पालकी श्रीं राम की,
जय बोलो भैया वीर हनुमान की ॥
चली चली रे,
चली चली रे,
चली चली रे पालकी श्री राम की,
जय बोलो भक्तो वीर हनुमान की ॥