रिद्धि सिद्धि वाले गणपति बाबा, तेरी महिमा भारी है | श्री गणेश भजन | भक्ति संध्या (Riddhi Siddhi Wale Ganpati Baba Teri Mahima Bhari Hai | Shree Ganesh Bhajan | Bhakti Sandhya )
रिद्धि सिद्धि वाले गणपति बाबा,
तेरी महिमा भारी है,
जो तेरे दरबार में आए,
उसकी विपदा टारि है ॥
पूजा में मनुहार कर,
मोदक खिलाऊँ,
घिरत सिंदूर तेरे,
बदन लगाऊं,
प्रेम से उतारूं तेरी,
आरती जो प्यारी है,
जो तेरे दरबार में आए,
उसकी विपदा टारि है ॥
देवों में हो देव,
सारे जग से निराले हो,
गाए जिसकी वंदना,
वो लाभ शुभ वाले हो,
अपना लो या ठुकरा दो,
ये मर्जी तुम्हारी है,
जो तेरे दरबार में आए,
उसकी विपदा टारि है ॥
ये मत सोचो गणपति बाबा,
ऐसे चला जाऊँगा,
तेरे दर पे आ गया हूँ,
लेकर ही कुछ जाऊँगा,
दर्शन दो मेरी जिंदगी की,
अंतिम सांस तुम्हारी है,
जो तेरे दरबार में आए,
उसकी विपदा टारि है ॥
मैं दुखियारा जनम जनम का,
जीवन में अँधियृारा है,
जीवन नैया तेरे आसरे,
मेरा कौन सहारा है,
तार दो या डुबो दो,
ये अर्जी हमारी है,
जो तेरे दरबार में आए,
उसकी विपदा टारि है ॥
नियमपूर्वक गणपति बाबा,
के आए अरदास करे,
कृपा तुम्हारी सदा रहेगी,
ऐसा वो विश्वास करे,
इस जीवन की डोर स्वामी,
हाथ में तुम्हारे है,
जो तेरे दरबार में आए,
उसकी विपदा टारि है ॥
रिद्धि सिद्धि वाले गणपति बाबा,
तेरी महिमा भारी है,
जो तेरे दरबार में आए,
उसकी विपदा टारि है ॥