कुछ पल तो निकालों, भोले के दरबार के लिए | शिव भजन | भक्ति संध्या (Kuch Pal To Nikalo Bhole Ke Darbar Ke Liye Lyrics | Shiv Bhajan | Bhakti Sandhya)
ये जिंदगी मिली है,
दिन चार के लिए,
कुछ पल तो निकालो,
भोले के दरबार के लिए,
कुछ पल तो निकालों,
भोले के दरबार के लिए ॥
कई पूण्य किये होंगे जो,
ये मानव तन है पाया,
पर भूल गए भगवन को,
माया में मन भरमाया,
अब तक तो जीते आएं,
अब तक तो जीते आएं,
है परिवार के लिए,
कुछ पल तो निकालों,
बाबा के दरबार के लिए,
कुछ पल तो निकालों,
भोले के दरबार के लिए ॥
तूने पाई पाई जोड़ी,
कोई कमी कही ना छोड़ी,
पर संग में सुन ले तेरे,
ना जाए फूटी कोड़ी,
कुछ धरम पूण्य तो जोड़ो,
कुछ धरम पूण्य तो जोड़ो,
उस पार के लिए,
कुछ पल तो निकालों,
बाबा के दरबार के लिए,
कुछ पल तो निकालों,
भोले के दरबार के लिए ॥
ये जग है एक सराए,
कोई आए कोई जाए,
इसका दस्तूर पुराना,
कोई सदा ना टिकने वाला,
‘गजेसिंह’ शिवजी को भजलो,
‘गजेसिंह’ शिवजी को भजलो,
उद्धार के लिए,
कुछ पल तो निकालों,
बाबा के दरबार के लिए,
कुछ पल तो निकालों,
भोले के दरबार के लिए ॥
ये जिंदगी मिली है,
दिन चार के लिए,
कुछ पल तो निकालो,
भोले के दरबार के लिए,
कुछ पल तो निकालों,
भोले के दरबार के लिए ॥
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