दर्शन को अखियाँ प्यासी है, कब दर्शन होगा श्याम धणी | कृष्ण भजन | भक्ति संध्या (Darshan Ko Akhiyan Pyasi Hai, Kab Darshan Hoga Shyam Ghani lyrics | Krishna Bhajan | Bhakti Sandhya)
दर्शन को अखियाँ प्यासी है,
कब दर्शन होगा श्याम धणी,
मुझ निर्धन के घर आँगन में,
कब आवन होगा श्याम धणी,
दर्शन को अखियां प्यासी है,
कब दर्शन होगा श्याम धणी ॥
मेरे घर में तुम्हे बिठाने को,
ना चौकी ना सिंहासन है,
ना दीपक ना बाती है,
ना अक्षत है ना चंदन है,
श्रद्धा के फूलों से तेरा,
अभिनन्दन होगा श्याम धणी,
दर्शन को अखियां प्यासी है,
कब दर्शन होगा श्याम धणी ॥
सावन भादों दोनों बीते,
और बीती होली दिवाली है,
पर मुझे देखने नहीं मिली,
तेरी सूरत भोली भाली है,
ना जाने किस दिन अखियों को,
पग दर्शन होगा श्याम धणी,
दर्शन को अखियां प्यासी है,
कब दर्शन होगा श्याम धणी ॥
दर्शन को अखियाँ प्यासी है,
कब दर्शन होगा श्याम धणी,
मुझ निर्धन के घर आँगन में,
कब आवन होगा श्याम धणी,
दर्शन को अखियां प्यासी है,
कब दर्शन होगा श्याम धणी ॥